Usha Kiran khan की “प्रेरणादायक कहानी और अद्वितीय जीवन”

Prakash Kumar

पद्मश्री से सम्मानित लेखिका Dr. Usha Kiran khan भारतीय साहित्य की महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। उन्होंने अपने अद्वितीय लेखन कौशल से समाज में अपनी पहचान बनाई है। उनके लेखन कार्य में सामाजिक, राजनीतिक और मानवीय मुद्दों पर गहरा प्रभाव दिखाई देता है। उनकी कविताएं, कहानियाँ और उपन्यासों में विविधता और गहराई होती है, जो उन्हें लेखिका के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान पर ले आती है। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है, जो उनकी साहित्यिक योगदान को सार्थकता देता है। उन्हे कुसुमांजलि साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया है। ऐसे और भी सम्मान इन्हे प्राप्त हुए हैं। उन्हे साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण काम करने के लिए 2017 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।

Usha Kiran khan आरंभिक जीवन

इनका जन्म 7 July 1945 को हुआ था। इनका बचपन से ही साहित्यकारों से मिलना जुलना होता रहता था। इनके जन्म के समय है हज़ारी प्रसाद द्विवेदी उस आश्रम में गए थे। यह बचपन से ही साहित्यकारों के गोद में खेल खेल कर बड़ी हुई इस कारण इनके संस्कार में ही साहित्यकार आ गया। ये बचपन से ही साहित्य कि अधिक बातचीत करती रहती थीं।  साहित्य ही इनका खेलना – खालना था इसलिए इनको समझ ही नहीं आया की यह लेखिका कब बन गईं। इनकी शुरुवात कविताओं से हुई है। इन्हे मैथिली नहीं आती थी ओर मैथिली सीख कर के उनमें साहित्य लिखीं।

इनका जन्मदरभंगा जिले के लहेरियासराय में हुआ था। इनका चर्चित उपन्यास हसीना मंजिल है ओर भी इनके कई सारे उपन्यास चर्चा में रही हैं। इस उपन्यास पर टीवी सीरियल भी बन चुका है। यह मैथिली भाषा में उन्होंने लिखी हैै।

Usha Kiran khan मृत्यु का कारण

हिंदी और मैथिली साहित्यकार उषा किरण खान कि मृत्यु 11 फरवरी(रविवार) 2024 को पटना के एक मेदांता हॉस्पिटल में हुआ। यह एक प्राइवेट हॉस्पिटल था। इनको कई दिनों से बुखार था जिसके कारण वह सांस नहीं ले पा रही थी जिस वजह से इनकी मृत्यु हो गई।

Usha Kiran khan फैमली

इनके पिता का नाम जगदीश चौधरी थे जो कि एक स्वतंत्र सेनानी थे। इनके पिता एक विधुर थे इस कारण ने इनके पिता ने यह निर्णय लिया कि अगर वे शादी करेंगे तो केवल विधवा महिला से ही करेंगे इनके पिता सतिप्रथा के बहुत विरोध में थे। उषा के पति सुपौल-बिरौल निवासी रामचंद्र खां एक पुलिस कर्मचारी थे जिन्होंने पुलिस सेवा में अपना जीवन दिया। इनके चार बच्चे हैं।

Usha Kiran khan शिक्षा और कैरियर

इनका पूरा जीवन साहित्य में गुजर गया इन्होंने कई सारे साहित्य, नाटक और किताबे लिखीं हैं इन्होंने आर्कियोलॉजी में अपनी पढ़ाई कि और उसी विभाग में नौकरी भी इनकी कुछ महत्त्वपूर्ण उपन्यास जो कि निम्नलिखित हैं।

उपन्यास:

रतनारे नयन(हिंदी) अनुत्तरित प्रश्न, हसीना मंजिल, पानी पर लकीर, फागुन के बाद, सीमांत कथा, भामति, सिरजनहार( मैथिली)

बाल नाटक:

नानी की कहानी,चिड़ियां चुग खेत (हिंदी) घंटी से बान्हल राजू, डैडी बदल गए हैं, सात भाई, बिरडो आबिगेल (मैथिली)

कहानी संग्रह:

घर से घर तक (हिंदी) कांचहि बांस (मैथिली), कासवन, दूबजान, जन्म अवधि, गीली पाक, विवश विक्रमादित्य।

Usha Kiran khan योगदान और सफलता

इनको सफलता के रूप में बहुत सारे सम्मान और पुरष्कार से नवाजा गया है इनको विद्या निवास मिश्र पुरस्कार, दिनकर राष्ट्रिय पुरस्कार, कुष्माअंजलि पुरस्कार, महादेवी वर्मा सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार, हिंदी सेवा सम्मान जैसे सफलताओं को इन्होंने छुआ है इनको पद्म श्री सम्मान भी प्राप्त है। अगर हम योगदान की बात करें तो इन्होंने कई समाज सेवा काम किया है इन्होंने महिलाओं को मजबूत और सशक्त करने में इनका बहुत बड़ा हाथ है।

Usha Kiran khan सामाजिक जीवन

इनकी शादी रामचंद्र खां से हुई थी जिनकी मृत्यु भी 80 वर्ष के उम्र में हुई थी। ये एक पुलिस अफसर थे जो कि एकदम निडर और साहसी थे। इनकी माता बचपन में ही गुजर गई जिसके कारण इनके पिता को दूसरी सादी करनी पड़ी। इन्होंने अपना जीवन बड़े साहित्यकारों के सानिध्य में बताया हुआ है। इस कारण से इनमे समझ और बूझ की कोई कमी नजर नहीं आती है।

Usha Kiran khan संदेश और अनुभव

डॉ. उषाकिरण खान के संदेश और अनुभव साहित्य के माध्यम से लोगों को प्रेरित करते हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम करते हैं। उनके लेखन कार्य में समाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और मानवीय मुद्दों पर गहरा प्रभाव दिखता है। उन्होंने अपने अनुभवों, विचारों, और दृष्टिकोण को अपनी रचनाओं के माध्यम से साझा किया है, जो लोगों को सोचने और कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका संदेश अमन, समरसता, समाजसेवा, और आत्मनिर्भरता के मूल्यों पर आधारित है। उनका अनुभव और दृष्टिकोण उन्हें व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर सशक्त बनाता है और उन्हें अपने लक्ष्यों की दिशा में अग्रसर करने में मदद करता है।

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